कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा दलहन (अरहर) के आच्छादन, उत्पादन, उत्पादकता एवं विपणन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन...

ब्यूरो रिपोर्ट गढ़वा @Times Of Jharkhand

Jun 12, 2024 - 05:25
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कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा दलहन (अरहर) के आच्छादन, उत्पादन, उत्पादकता एवं विपणन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन...

गढ़वा: - कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग गढ़वा द्वारा मंगलवार को रांका रोड स्थित शगुन बैंक्वेट हॉल में दलहन (अरहर) के आच्छादन, उत्पादन, उत्पादकता एवं विपणन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य रूप से जिला परिषद अध्यक्ष शांति देवी, जिला परिषद उपाध्यक्ष सतनारायण यादव, जिला परिषद सदस्य बिशुनपुरा -सह-सभापति शम्भु नाथ चंद्रवंशी, समिति निदेशक विकास कुमार, डिप्टी निदेशक एग्री एक्सटेंशन अभिषेक कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी शिव शंकर प्रसाद, सचिव बाजार समिति राहुल कुमार समेत अन्य द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा उपस्थित जन प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों एवं जिले के किसानों का स्वागत किया गया। उन्होंने कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए कहा कि गढ़वा जिला में दलहन कि खेती लगभग 30 हजार हेक्टेयर में होती है, इसके पैदावार को और बढ़ाने एवं अधिक मूल्य पर इसे बेचकर किसान भाइयों को उचित मुनाफा दिलाने के उद्देश्य से कार्यशाला में आए वैज्ञानिकों द्वारा आपको कई महत्वपूर्ण तकनीकी जानकारी दी जा रही है। जिससे आप अपने जमीन पर दलहन की खेती बड़े पैमाने पर करें।

कार्यक्रम में उपस्थित जिला परिषद अध्यक्ष शांति देवी, जिला परिषद उपाध्यक्ष सत्यनारायण यादव, जिला परिषद सदस्य बिशुनपुरा-सह-सभापति शम्भु नाथ चंद्रवंशी समेत अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा किसान भाइयों को संबोधित करते हुए उन्हें दलहन की खेती करने हेतु प्रेरित किया गया। उन्होंने कहा कि इतनी गर्मी में भी आज यहां काफी संख्या में किसान भाई उपस्थित हुए हैं जो काफी सराहनीय है, हमारा भारत देश एक कृषि प्रधान देश है, जहां की 70% आबादी खेती पर निर्भर है आप दलहन की खेती कर उचित मुनाफा कमाए यही हमारा मुख्य उद्देश्य है। साथ हीं मौके पर उपस्थित कृषि विभाग के पदाधिकारी से अपील किया गया कि पूरी पारदर्शिता के साथ किसानों तक खेती के लिए बीज एवं सरकारी योजनाएँ पहुंचे यह सुनिश्चित कराई जाए। जिससे किसानों को सरकारी योजना का लाभ मिलने में समस्या न हो। कार्यक्रम में समिति निदेशक द्वारा किसान भाइयों को संबोधित करते हुए कहा गया कि पलामू प्रमंडल में दलहन की खेती बड़े पैमाने पर होती है। आपके खेती को गुणवत्तापूर्ण बनाने और इसे बेचने के पश्चात आपको उचित राशि मिले इसी उद्देश्य के साथ यह कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस दौरान उन्होंने कई उदाहरण देकर किसान भाइयों को दलहन की खेती बड़े पैमाने पर करने को लेकर प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि गढ़वा जिला में वर्षा कम होती है, इसके बावजूद उपलब्ध पानी एवं ड्रिप इर्रिगेशन की सहायता से भी दलहन की खेती कर हम अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने किसान भाइयों को कार्यशाला में प्राप्त प्रशिक्षण के पश्चात अपने क्षेत्र के आसपास के अन्य किसान भाइयों के साथ भी सभी जानकारी साझा करने का अपील किया। जिससे क्षेत्र के सभी किसान भाइयों को दलहन की खेती करने संबंधित समुचित जानकारी रहे। कार्यशाला में किसानों को उचित मूल्य एवं एमएसपी पर कैसे दाल को बेचकर मुनाफा कमाए इस पर विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि पंचायत एवं गांव स्तर तक यह कार्यक्रम का संदेश पहुंचे, साथ हीं उन्होंने मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी को कृषि मेला कराने समेत अन्य कार्यक्रम के आयोजन लो लेकर भी निर्देश दिया एवं इसकी जानकारी सभी क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों को देने को कहा गया।

कार्यक्रम में NCCF के प्रतिनिधि प्रणव शुक्ला द्वारा संबोधित करते हुए बताया गया कि आप अपने फसलों में मॉइश्चर या कीड़े आदि लगने से बचाए जिससे उन्हें बेचने में समस्या ना हो। खेती के लिए अच्छे बीज का इस्तेमाल कर अपने फसलों की क्वालिटी स्टैंडर्ड के अनुरूप रखें, जिससे आपको बाजार के मूल्य पर दलहन को बेचने में सहायता मिले। कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय गढ़वा के चीफ साइंटिस्ट डॉ अशोक कुमार ने बताया कि पलामू प्रमंडल में लगाए जाने वाले दलहन लंबी अवधि वाले होते हैं, इन फसलों को तैयार होने में लगभग आठ माह का समय लगता है। 1 एकड़ भूमि पर उत्पादन के लिए 8 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है, इसके बुवाई का समय अभी (जून) से लेकर सितंबर माह तक होता है। फसल की बुआई के पश्चात उन्होंने प्रति एकड़ 50 किलोग्राम डीएपी एवं 20 किलोग्राम पोटाश डालने संबंधित भी जानकारी दिया। साथ हीं 4 किलोग्राम बोरॉक्स एवं 10 किलोग्राम सल्फर के छिड़काव संबंधित भी तकनीकी जानकारी दी गई। जिससे गुणवत्ता पूर्ण फसल को तैयार किया जा सके। बाजार समिति सचिव राहुल कुमार द्वारा दलहन की खेती के पश्चात इसे बेचने के लिए व्यवस्था को लेकर महत्वपूर्ण बातें कही गई। उन्होंने ऑनलाइन दलहन बेचने की भी जानकारी दी, साथ हीं उचित मूल्य दिलाने को लेकर भी कई महत्वपूर्ण बातें कही। क्षेत्रीय वैज्ञानिक डॉ प्रमोद कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि गढ़वा क्षेत्र में दलहन की खेती की क्वालिटी काफी अच्छी है, कम पानी में दलहन का उत्पादन किया जा सकता है। इसलिए इस फसल पर जोर दें और कम लागत में हमारे किसान खेती कर अच्छा मुनाफा कमाए।

कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (कृषि प्रभाग) के इस एकदिवसीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में जिला परिषद अध्यक्ष शांति देवी एवं विशिष्ट अतिथि समिति डायरेक्टर विकास कुमार उपस्थित थें। इसके अतिरिक्त डिप्टी डायरेक्टर एग्रीकल्चर एक्सटेंशन अभिषेक कुमार, चीफ साइंटिस्ट डॉ० अशोक कुमार, तकनीकी सहायक झारखंड, रांची मनीष गुड़िया, डायरेक्टर जेडआरएस चियांकी मेदिनीनगर पलामू डॉक्टर प्रमोद कुमार, एनसीसीएफ यंग प्रोफेशनल के प्रणव शुक्ला, बाजार समिति के पणन सचिव राहुल कुमार, जिला परिषद उपाध्यक्ष सत्यनारायण यादव, जिला परिषद सदस्य बिशुनपुरा -सह- सभापति शंभूनाथ चंद्रवंशी, जिला कृषि पदाधिकारी शिव शंकर प्रसाद, भूमि संरक्षण पदाधिकारी चंद्र किशोर, जिला उद्यान पदाधिकारी रविशंकर बरनवाल, एनएफएसएम जिला परामर्शदात्री जितेंद्र उपाध्याय, परियोजना निदेशक (आत्मा) योगेंद्र नाथ सिंह, प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, बीटीएम, एटीएम, एफपीओ, लैंप्स/पैक्स, कृषक मित्र, विभिन्न प्रखंडों के कृषि गण के अलावे काफी संख्या में अन्य लोग उपस्थित थें। कार्यशाला में मंच का संचालन बीटीएम गढ़वा अजय कुमार साहू द्वारा किया गया।

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