बड़ी खबर: झारखंड सरकार में मंत्री आलमगिर आलम को ईडी ने किया गिरफ्तार।
मुख्य ब्यूरो @ times Of jharkhand
RANCHI : झारखंड में चंपाई सोरेन की सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। आलम को आज यानी बुधवार को लगातार दूसरे दिन पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।लगातार दो दिन चली पूछताछ के बाद आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया गया है। मंगलवार को भी झारखंड के मंत्री आलमगीर से करीब 9 घंटे तक पूछताछ हुई थी। आलमगीर आलम की गिरफ्तारी से पहले उनके आप्त सचिव संजीव लाल और निजी सहायक जहांगीर को गिरफ्तार किया गया था। उनके आवास से नोटों के ढेर मिले थे।
इसके बाद आलमगीर आलम को ईडी की ओर से समन जारी किया गया था। 14 मई को तय समय पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और झारखंड के मंत्री ईडी दफ्तर पहुंचे। कागजी कार्रवाई के बाद उनसे पूछताछ शुरू हुई।
ईडी के अधिकारियों ने जब उनसे संजीव लाल और जहांगीर के बारे में पूछा, तो आलमगीर आलम ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम था कि निजी सहायक जहांगीर के पास करोड़ों रुपए हैं। जहांगीर गलत कार्यों में लिप्त था, इसकी भी जानकारी उन्हें नहीं थी।इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि विभाग में हो रही कमीशनखोरी के बारे में भी उन्हें नहीं पता। मंगलवार को रात 8:30 बजे तक उनसे पूछताछ हुई।इसके बाद उनसे कहा गया कि वे 15 मई (बुधवार) को फिर पूछताछ के लिए हिनू स्थित ईडी के रीजनल ऑफिस पहुंचे। ग्रामीण विकास मंत्री थोड़ी देर से पहुंचे। लंबी पूछताछ के बाद शाम को उनको गिरफ्तार कर लिया गया।बताया जा रहा है कि ईडी के अधिकारियों ने मंत्री से कमीशनखोरी से जुड़े कई सवाल पूछे। अधिकतर सवालों के जवाब में मंत्री ने कहा कि उन्हें इसके बारे में कुछ नहीं मालूम।हालांकि निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम से जुड़े सवालों में वह घिर गये। पूछताछ के दौरान अधिकारियों ने मंत्री को पीएमएलए की धारा 50 के तहत दिये जाने वाले बयान और उसके कानूनी महत्व के बारे में उनको बताया।इसके बाद उनसे उनकी और पारिवारिक सदस्यों के आय-व्यय का ब्योरा भी मांगा गया। मंत्री से उनके आप्त सचिव संजीव लाल और उसके कारनामों की भी जानकारी मांगी। लेकिन, मंत्री ने कहा कि उन्हें आप्त सचिव की गतिविधियों की जानकारी नहीं थी।
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